आधुनिक इतिहास की कहानी कुछ ऐसी है कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। एक तरफ मुग़लो का पतन हो रहा था जिसकी हमे खुशी थी और हो भी क्यों ना, हम जो मुग़लों की गुलामी से आज़ाद जो हुए थे।
सच कहूँ तो हमारी खुशी तो ग़म बनने का इंतजार कर रही थी।हमारी धरत